लेखांकन क्या है ? - 24x7DigitalLibrary

लेख एवं अंकन दो शब्दों के मेल से वने लेखांकन में लेख से मतलब लिखने से होता है तथा अंकन से मतलब अंकों से होता है । किसी घटना क्रम को अंकों में लिखे जाने को लेखांकन (Accounting) कहा जाता है ।

किसी खास उदेश्य को हासिल करने के लिए घटित घटनाओं को अंकों में लिखे जाने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । यहाँ घटनाओं से मतलब उस समस्त क्रियाओं से होता है जिसमे रुपय का आदान-प्रदान होता है ।

सरल शब्दों में लेखांकन का आशय वित्तीय लेन देनों को क्रमबद्व रूप में लेखाबद्व करने, उनका वर्गीकरण करने, सारांश तैयार करने एवं उनको इस प्रकार प्रस्तुत करने से है, जिससे उनका विश्लेषण व निर्वचन हो सके। लेखांकन में सारांश का अर्थ तलपट बनाने से है और विश्लेषण व निर्वचन का आधार अन्तिम खाते होते है, जिनके अन्र्तगत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता तथा चिटटा/स्थिति विवरण या तुलन पत्र तैयार किये जाते है।

Accounting ko हिंदी mein लेखांकन kaha jata है। ये process होता है जो की Financial Aspects (वित्तीय पहलुओ) को record रखता है। Accounting का process किसी भी organization या business में हो रहे financial transactions के बारे में लिखित रूप में जानकारी रखता है।

Accounting में जितना विज्ञान है उतना ही कला भी। ये पैसों के लेनदेन को रिकॉर्ड करता है, वर्गीकृत यानि क्लासिफ़ाइ करते है, और उनके सारांश तैयार करके उनको इस प्रकार प्रस्तुत करते है, जिससे उनका विश्लेषण या निर्वचन हो सके।

Accounting एक विशेष प्रमुख से संबंधित सभी लेनदेन को क्रमबद्व करता है। Account या खाता किसी भी व्यक्ति या चीज़ से संबंधित लेनदेन के सारांश रिकॉर्ड को दर्शाता है। उदाहरण स्वरूप: जब कोई एंटिटी अलग अलग suppliers और consumers के साथ लेनदेन करती है, तो प्रत्येक suppliers और consumers एक अलग खाता होगा।

खाता tangible तथा intangible किसी भी चीजों से संबंधित हो सकता है जैसे की – ज़मीन, बिल्डिंग्स, फर्नीचर, etc. किसी खाते के बाएं हाथ को डेबिट (‘डॉ’) पक्ष कहा जाता है, जबकि दाएं हाथ को क्रेडिट (‘क्र’) पक्ष कहा जाता है।

उदाहरण

किसी व्यवसाय में बहुत बार वस्तु खरीदा जाता है, बहुत बार विक्री होता है । खर्च भी होता रहता है आमदनी भी होता रहता है, कुल मिलाकर कितना खर्च हुआ कितना आमदनी हुआ किन-किन लोगों पर कितना वकाया है तथा लाभ या हानि कितना हुआ, इन समस्त जानकारियों को हासिल करने के लिए व्यवसायी अपने वही में घटित घटनाओं को लिखता रहता है । यही लिखने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है । अतः व्यवसाय के वित्तीय लेन-देनों को लिखा जाना ही लेखांकन है ।

लेखांकन के प्रारंभिक क्रियाओं में निम्नलिखित तीन को शामिल किया जाता है :